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ये 40 लाख बांग्लादेशी घुसपैठिए, भारतीयों का हक छीन रहे: अमित शाह

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राहुल और ममता घुसपैठियों पर अपना स्टैंड क्लियर करे

नई दिल्ली । असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर देश में राजनैतिक दलों के बीच जुबानी जंग जारी है। विपक्ष जहां लगातार सरकार के इरादों पर सवाल उठा रहा है। वहीं मोदी सरकार इस मामलों को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए एकजुट विपक्ष को कठघरे में खड़ा किया है। भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि असम एनआरसी में जिन 40 लाख लोगों का नाम नहीं है वो घुसपैठिए हैं,

किसी भारतीय का नाम नहीं काटा गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में राहुल गांधी और ममता बनर्जी एनआरसी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। पहले वो बांग्लादेशी घुसपैठिये पर रुख स्पष्ट करें जो भारतीयों का हक छीन रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि बीजेपी और बीजेडी के अलावा किसी भी पार्टी ने यह कहना उचित नहीं समझा है

कि हमारे देश में घुसपैठियों का कोई स्थान नहीं है। शाह ने पूछा,राहुल गांधी को देश की सुरक्षा के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों पर अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए। घुसपैठियों को बढ़ावा देकर किस प्रकार देश की सुरक्षा की जा सकती हैं ? ममता बनर्जी गृह युद्ध की बात करती हैं। ये कहकर डर का माहौल पैदा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब हम विपक्ष में थे तब भी हमारा स्पष्ट मानना था कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का हमारा देश में कोई स्थान नहीं है और आज भी हमारा वहीं स्टैंड है।
अमित शाह ने कहा, पिछले दो दिनों से देश में एनआरसी के उपर बहस चल रही है और यह कहा जा रहा है कि 40 लाख भारतीयों नागरिकों को अवैध घोषित कर दिया गया है जबकि वास्तविकता है कि प्राथमिक जांच होने के बाद जो भारतीय नहीं है उनके नाम एनआरसी से हटाए गए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के द्वारा देश में बीजेपी की छवि को धूमिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

हालांकि शाह ने कहा कि 40 लाख का आंकड़ा कोई अंतिम आंकड़ा नहीं है,सुप्रीम कोर्ट के संरक्षण में पूरी जांच की जाएगी और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। अमित शाह ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया की उन्हें मंगलवार को राज्यसभा में नहीं बोलने दिया गया। इसके कारण प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं। बता दें कि पिछले दो दिनों से एनआरसी के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा हो रहा है। कल और आज दोनों दिन राज्यसभा की कार्यवाही कुछ देर चलने के बाद स्थगित कर दी गई।

सदन में शाह के बयान पर हंगामा
मंगलवार को अमित शाह ने हंगामें के बीच एनआरसी के मुद्दे पर अपनी बात कही। जिसकी वजह से खूब हंगामा हुआ। उन्होंने कहा,असम समझौते पर आपके प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 14 अगस्त, 1985 को हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने अगले दिन अपने भाषण में लाल किले से इसकी घोषणा की थी। समझौते की भावना एनआरसी थी, जो बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा, आपके पास इस लागू करने का साहस नहीं था। हमारे पास साहस था और हम इस कर रहे हैं।

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